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Part 3

है क्या ये जो तेरे मेरे दरमियाँ है अनदेखी अनसुनी कोई दास्तां है है क्या ये जो तेरे मेरे दरमियाँ है अनदेखी अनसुनी कोई दास्तां है लगने लगी अब ज़िन्दगी खाली है मेरी लगने लगी हर सांस भी खाली बिन तेरे...बिन तेरे...बिन तेरे कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन तेरे कोई ख़ालिश है हवाओ में बिन तेरे बिन तेरे बिन तेरे बिन तेरे कोई ख़ालिश है हवाओ में बिन तेरे

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