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Part 4

तेरे नाम का नशा, नशा है ज़ुबाँ पे छा गया इस बेखुदी में डूबने से मैं खुद को ना रोक सकेया देखेया मैं फूल देखेया खुशबू के नज़ारे देखेया पर तेरे जैसा ना कोई, देखेया मैं लगता है बाहों में तेरी बिखरे बिन रहना ही नहीं मुझे इश्क ये करने से अब कोई भी न रोक सकेया ओ हारेया मैं दिल हारेया...

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